सावन मरा नहीं करता ......
कुछ पानी के बह जाने से सावन मरा नहीं करता .....
कुछ चेहरों के रूठ जाने से दर्पण मरा नहीं करता .....
मिलना और मिलकर चले जाना
यही नियति है जीवन की
कुछ पाना है तो कुछ खोना है
मगर सब कुछ पाकर भी
कुछ खोने का एहसास मरा नहीं करता ......
कुछ पानी के बह जाने से सावन मरा नहीं करता .......
यहाँ मंजिल है हर एक रास्ते की
रास्तों में पड़ाव भी आते हैं
सफ़र ज़रा लम्बा है तो
पल भर ठहर भी जाते हैं
लेकिन ठहर जाने से भी वक़्त ठहरा नहीं करता
कुछ पानी के बह जाने से सावन मरा नहीं करता ......
ये गीत मेरा है, ये लफ्ज़ भी मेरे हैं
लिखा है इसको किसी वक़्त में गुनगुनाने के लिए
मगर न भी गाऊ तो इनका साज़ मरा नहीं करता ....
कुछ पानी के बह जाने सावन मरा नहीं करता ........
जो रूठ गया सो रूठ गया
जो छूट गया सो छूट गया
हर बात समझाने के लिए नहीं होती
ज़िन्दगी हमेशा पाने के लिए नहीं होती
बनने बिगड़ने के इस खेल में जीवन कभी रुका नहीं करता ........
कुछ पानी के बह जाने से सावन मरा नहीं करता .........
this one is far better,,,,
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