मित्रो से भरी महफ़िल में,
जब बातें कुछ होती हैं..
अकेला मन उड़ता ऊँचे आसमान में,
ऐसी रातें कुछ होती हैं.....
उन भूली बिसरी बातों के रस में,
जोर के ठहाके लग जाते हैं...
ऊँचे उड़ते आसमान में,
अपने कुछ मिल जाते हैं.....
ठहाकों से गूंजती हैं दिशाएं,
मगर सन्नाटे सुनाई पड़ जाते हैं..
आसमान में अपने मिलने पर भी,
हम अकेले ही गोते खाते हैं...
सन्नाटे की भी तो अपनी आवाज़ है,
इसको सुनाई पड़ जाने दो....
आकाश में उड़ते पंछी की,
तन्हाई झलक जाने दो..
एक बात है भीड़ की,
तो दूजी एकाकी मन की...
दोनों ही से होकर जाना है,
ये यात्रा है जीवन की...
मन की दशा मन ही में रही,
इसे आज छलक जाने दो...
ना रोको सन्नाटे की आवाजें,
इन्हें आज भड़क जाने दो...
ये ख्वाबों की दुनिया है मेरे दोस्त...
मुझे ज़रा दूर तलक जाने दो...
मुझे ज़रा दूर तलक जाने दो....
जब बातें कुछ होती हैं..
अकेला मन उड़ता ऊँचे आसमान में,
ऐसी रातें कुछ होती हैं.....
उन भूली बिसरी बातों के रस में,
जोर के ठहाके लग जाते हैं...
ऊँचे उड़ते आसमान में,
अपने कुछ मिल जाते हैं.....
ठहाकों से गूंजती हैं दिशाएं,
मगर सन्नाटे सुनाई पड़ जाते हैं..
आसमान में अपने मिलने पर भी,
हम अकेले ही गोते खाते हैं...
सन्नाटे की भी तो अपनी आवाज़ है,
इसको सुनाई पड़ जाने दो....
आकाश में उड़ते पंछी की,
तन्हाई झलक जाने दो..
एक बात है भीड़ की,
तो दूजी एकाकी मन की...
दोनों ही से होकर जाना है,
ये यात्रा है जीवन की...
मन की दशा मन ही में रही,
इसे आज छलक जाने दो...
ना रोको सन्नाटे की आवाजें,
इन्हें आज भड़क जाने दो...
ये ख्वाबों की दुनिया है मेरे दोस्त...
मुझे ज़रा दूर तलक जाने दो...
मुझे ज़रा दूर तलक जाने दो....
amazinggggg....liked it a lot :)
ReplyDeleteawesome bhai.... loved it :-)
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